एमसीबी : ‘स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार’ थीम पर जिले में गूंजा पोषण माह का संदेश

एमसीबी : ‘स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार’ थीम पर जिले में गूंजा पोषण माह का संदेश

एमसीबी/ 06 अक्टूबर 2025
महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा पोषण माह के अंतर्गत “स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार” थीम पर जिले भर में आयोजित जनजागरूकता कार्यक्रमों से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पोषण के महत्व को लेकर नई चेतना का संचार हुआ है। इस अभियान के तहत जिले की चार एकीकृत बाल विकास परियोजनाओं के माध्यम से मनेन्द्रगढ़, चिरमिरी, भरतपुर और खडगवां में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया।
कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी डी. राहुल वेंकट के मार्गदर्शन और जिला कार्यक्रम अधिकारी आर. के. खाती के नेतृत्व में आयोजित इस अभियान का उद्देश्य जन-जन तक “सही पोषण, देश रोशन” का संदेश पहुँचाना है। अभियान में गर्भवती एवं शिशुवती माताओं, शिशुओं और बालिकाओं के पोषण स्तर में सुधार लाने के साथ-साथ परिवार और समुदाय में पोषण के प्रति व्यवहार परिवर्तन लाने पर जोर दिया गया।
विगत 4 अक्टूबर को ग्राम पंचायत दुबछोला, झगराखांड, चैनपुर और खोंगापानी में आयोजित कार्यक्रमों में महिलाओं और बालिकाओं को संतुलित आहार, मोटापे के दुष्प्रभाव, पोषण की आवश्यकता और उसके वैज्ञानिक कारणों के बारे में जानकारी दी गई। इसके साथ ही चित्रकला प्रतियोगिता, संवाद सत्र और व्याख्यान आयोजित कर प्रतिभागियों ने स्वस्थ जीवनशैली के महत्व को रचनात्मक ढंग से प्रस्तुत किया।
जिला मिशन समन्वयक श्रीमती तारा कुशवाहा ने बताया कि यह कार्यक्रम केवल स्वास्थ्य संवर्धन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सामाजिक जागरूकता का माध्यम भी है। उन्होंने कहा, “स्वस्थ स्त्री और स्वस्थ बच्चे ही खुशहाल परिवार की आधारशिला हैं। सही खानपान, उचित देखभाल और संतुलित आहार ही स्वस्थ जीवन की कुंजी है।”
इस अभियान के दौरान महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर पर विशेष ध्यान दिया गया। उनके लिए व्यावहारिक प्रशिक्षण और आहार संबंधी मार्गदर्शन के माध्यम से उन्हें संतुलित पोषण अपनाने की दिशा में प्रेरित किया गया। कार्यक्रम में स्थानीय जनप्रतिनिधियों और स्वास्थ्य कर्मियों ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई।
महिला एवं बाल विकास विभाग की यह पहल न केवल बच्चों और महिलाओं को लाभान्वित कर रही है, बल्कि पूरे समाज में स्वास्थ्य और पोषण के प्रति जागरूकता का वातावरण बनाने में भी मदद कर रही है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि भविष्य की पीढ़ी स्वास्थ्यपूर्ण, सशक्त और खुशहाल समाज की नींव रख सके।

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