विद्युत आपूर्ति बाधा पर बैठक: अध्यक्ष पी. दयानंद ने लिया सख्त एक्शन

समय पर काम न होने पर कारण बताओ नोटिस जारी, अधूरी परियोजनाओं की सूची तलब

       रायपुर। स्टेट पावर कंपनियों के मुख्यालय में गुरुवार की देर शाम को कंपनी अध्यक्ष और प्रदेश के ऊर्जा सचिव पी. दयानंद ने एक बैठक बुलाई। बैठक का मुख्य उद्देश्य बिजली आपूर्ति में बाधा की शिकायतों पर चर्चा करना था। दयानंद ने ट्रांसमिशन कंपनी और डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के अधिकारियों को तलब किया और उन क्षेत्रों के जिम्मेदार अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए, जहां बिजली बहाली में अनावश्यक देरी हो रही थी।

       विभिन्न समाचार पत्रों और न्यूज़ वेब पोर्टल्स में प्रकाशित खबरों के आधार पर, जिसमें बिजली आपूर्ति में बाधा और उसकी बहाली में अधिक समय लगने की शिकायतें थीं, अध्यक्ष पी. दयानंद ने इस गंभीर मुद्दे पर चर्चा के लिए यह बैठक आयोजित की। जब दयानंद ने विस्तार से इन समस्याओं के कारण पूछे, तो अधिकारियों ने बताया कि पिछले पांच वर्षों में बिजली उपकेंद्र और लाइनों की स्थापना जैसी अधोसंरचना के विकास कार्यों में अनेक रुकावटें आई थीं। इस कारण विद्युत विकास कार्यों में प्रगति नहीं हो पाई, जिसका नकारात्मक असर वर्तमान समय में देखा जा रहा है। गर्मी के कारण बिजली की मांग में वृद्धि हो रही है और उसके अनुरूप आपूर्ति की व्यवस्था की जा रही है, लेकिन जिन स्थानों पर कार्य स्वीकृत हैं, टेंडर हो चुके हैं, और बजट की कोई समस्या नहीं है, वहां भी उचित मॉनिटरिंग न होने के कारण वांछित प्रगति नहीं हो पाई है।

       दयानंद ने इन परिस्थितियों को गंभीरता से लेते हुए शीघ्र ही ऐसे कार्यों की सूची तलब की है। जशपुर जिले में 15 विद्युत उपकेंद्र स्वीकृत होने के बावजूद काम पूरा नहीं होने पर उन्होंने आश्चर्य और नाराजगी व्यक्त की। बैठक में बताया गया कि यदि ये कार्य समय पर पूरे हो गए होते तो वर्तमान मौसम के कारण जो समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं, उनका समाधान हो गया होता। दयानंद ने उन मामलों की सूची भी तलब की है, जिनमें बिजली आपूर्ति में बाधा आई और बहाली में अधिक समय लगा, ताकि जिम्मेदारियों का निर्धारण किया जा सके। आज की बैठक में उन्होंने समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों के आधार पर संबंधित अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए और भविष्य में भी बड़े पैमाने पर कारण बताओ नोटिस जारी करने तथा अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए।

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