कलेक्टर ने केन्द्राध्यक्ष एवं पर्यवेक्षकों की बैठक लेकर की तैयारियों की समीक्षा

परीक्षार्थी अपने आबंटित केन्द्र में ही जाए, दूसरे केन्द्र में प्रवेश नहीं होगी

परीक्षार्थियों को वैध पहचान पत्र के साथ परीक्षा केन्द्रों में दिया जाएगा प्रवेश

प्री-बी. एड तथा प्री-डीएलएड की परीक्षा 30 जून 2024 को

       दुर्ग। छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मण्डल रायपुर द्वारा 30 जून 2024 को प्री-बी.एड तथा प्री-डीएलएड प्रवेश परीक्षा आयोजित की जा रही है। कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी की अध्यक्षता में आज शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय दुर्ग में उक्त परीक्षाओं की तैयारी की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। जिसमें प्रथम पाली में प्रातः 10 से 12.15 बजे तक आयोजित होने वाली प्री.बी.एड प्रवेश परीक्षा के 39 परीक्षा केन्द्रों तथा दोपहर पाली में 2 से 4.15 बजे तक आयोजित होने वाली 35 परीक्षा केन्द्रों के केन्द्राध्यक्ष एवं पर्यवेक्षक शामिल हुए। बैठक में अपर कलेक्टर श्री बजरंग दुबे, समन्वयक केन्द्र से डॉ. अनुपमा अस्थाना, डॉ. ए.के. खान, डॉ. अनिल कुमार, डॉ. एच.पी. सिंह सलूजा, डॉ. जगजीत कौर सलूजा, डॉ. अजय सिंह, डॉ. आर.एस. सिंह भी उपस्थित थे।

       समीक्षा के दौरान सभी प्रतिभागियों को व्यापम द्वारा जारी निर्देशों का कड़ाई से पालन करने, समय का ध्यान रखने, दिव्यांग परीक्षार्थियों को दी जाने वाली सुविधा तथा व्यापम परीक्षाओं में केन्द्राध्यक्ष, पर्यवेक्षक, सहायक केन्द्राध्यक्ष एवं शिक्षकों के दायित्वों की विस्तार से जानकारी दी गई। समीक्षा के दौरान केन्द्राध्यक्षों एवं पर्यवेक्षकों के शंकाओं का समाधान भी किया गया। सभी केन्द्राध्यक्षों को इस बात के लिए निर्देशित किया गया कि परीक्षा केन्द्रों में अनिवार्य रूप से पर्यवेक्षक उपस्थित रहें। साथ ही इस बात का विशेष ध्यान रखने को कहा कि परीक्षार्थी अपने ही रोल नम्बर व परीक्षा केन्द्र पर बैठे। परीक्षार्थी अपने आबंटित केन्द्र में ही प्रवेश करें किसी अन्य केन्द्र में प्रवेश की पात्रता नहीं होगी। संबंधित जिला कोषालय से प्रश्न पत्र लाने समय-सीमा का ध्यान रखें। परीक्षार्थी को वैध पहचान प्रमाण जैसे आधार कार्ड, वोटर आईडी, पैन कार्ड लाना अनिवार्य होगा। इस दौरान सभी केन्द्राध्यक्षों को व्यापम द्वारा परीक्षा हेतु प्रदान की गयी परीक्षा सामग्री वितरित की गयी।

 

 

 

 

जिले में ग्रामसभा का आयोजन

       दुर्ग। छत्तीसगढ़ पंचायतराज अधिनियम 1993 की धारा-6 के तहत प्रत्येक तीन माह में कम से कम एक ग्राम सभा का सम्मेलन आयोजित करने का प्रावधान है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के निर्देशानुसार निर्धारित तिथि 23 जनवरी, 14 अप्रैल, 20 अगस्त एवं 2 अक्टूबर के अतिरिक्त प्रतिवर्ष माह जून एवं नवम्बर में सुविधाजनक तिथियों में प्रत्येक ग्राम में ग्राम सभा का आयोजन अनिवार्य रूप कराए जाने के निर्देश है। इस संबंध में कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी ने सभी जनपद सीईओ को ग्राम सभा की बैठक हेतु प्रत्येक ग्राम पंचायत मुख्यालय एवं उनके आश्रित ग्रामों में ग्राम सभा आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। ग्रामसभा के आयोजन के लिए स्थानीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों को विशेष जिम्मेदारी देने और निर्धारित बिन्दुओं पर विशेष रूप से चर्चा करने के निर्देश दिए गए हैं। जिसके अनुसार ग्राम सभा की बैठक में पूर्व बैठक में पारित संकल्पों के क्रियान्वयन संबंधी पालन प्रतिवेदन पर चर्चा। पंचायतों में विगत तिमाही के आय व्यय की समीक्षा एवं अनुमोदन। पिछली छःमाही में विभिन्न योजनाओं से स्वीकृत कार्य के नाम, प्राप्त राशि, स्वीकृत राशि, व्यय राशि एवं कार्य की अद्यतन स्थिति का वाचन। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजनांतर्गत ग्राम पंचायतों में ग्रामीण परिवारों द्वारा रोजगार की मांग तथा उपलब्ध कराए गए रोजगार की स्थिति की समीक्षा। सामाजिक सहायता कार्यक्रम अंतर्गत संचालित पेंशन योजनाओं का सामाजिक अंकेक्षण एवं हितग्राहियों का सत्यापन के संबंध में कार्यवाही। जरूरतमंद व्यक्तियों के लिए पंचायतों द्वारा वितरित खाद्यान्न एवं उसके लाभान्वितों के नामों का वाचन, जन्म-मृत्यु एवं विवाह पंजीयन से संबंधित प्रकरणों के लंबित, निराकृत एवं वितरित प्रमाण पत्रों की जानकारी दी जाए।

       इसी प्रकार मौसमी बीमारियों के निदान एवं निवारण पर चर्चा एवं उससे निपटने चिकित्सकीय सुविधाओं का अवलोकन करना एवं इस संबंध में जागरूकता फैलाना। ग्राम पंचायतों में अनिवार्य कर के आरोपण एवं वसूली की प्रगति की समीक्षा। पंचायतों के/वर्तमान पदाधिकारियों तथा अधिकारी-कर्मचारियों जिनसे पंचायतों के लेखा हिसाब लेना है अथवा बकाया राशि है, उनके नामों का वाचन। ग्राम पंचायतों की समस्त सड़कों पर, मवेशियों (आवारा एवं पालतू) के कारण हो रहे दुर्घटनाओं में जान माल की क्षति को रोकने हेतु उस ग्राम पंचायत क्षेत्र से गुजरने वाली समस्त सड़कों (विशेषतः राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य मार्ग तथा मुख्य जिला मार्गो) के संबंध में सभी संभव उपायों एवं प्रभावी व्यवस्था की चर्चा कर, आमजनों में जागरूकता बढ़ाना एवं अपने मवेशियों को सड़कों पर खुले नहीं छोड़ने का संकल्प पारित करना। अमृत सरोवरों के लिए उपयुक्त स्थलों का चयन। पूर्व वित्तीय वर्ष की ग्राम पंचायत विकास योजना में स्वीकृत कार्यो में संशोधन की आवश्यकता हो तो आंकलन कर कार्ययोजना का अनुमोदन ग्राम सभा से लिया जाए। तंबाकू मुक्त ग्राम पंचायत बनाए जाने के  संबंध मंे मार्गदर्शिका का वाचन/चर्चा की जाएगी। ग्राम सभा में लिए गए निर्णयों की अधिकतम 15 मिनट की वीडियो रिकार्डिंग एवं वीडियो को ग्राम सभा निर्णय मोबाईल एप में अपलोड कराने के साथ ही जनपद पंचायत अंतर्गत आयोजित ग्रामसभा में की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन जिला पंचायत दुर्ग (पंचायत शाखा) को उपलब्ध कराना होगा।

 

 

स्वास्थ्य विभाग द्वारा परिवार नियोजन को बढ़ावा

जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा का आयोजन 27 जून से 24 जुलाई तक

       दुर्ग। छोटा परिवार खुशहाल परिवार के संदेश को जिला दुर्ग के लोग साकार कर रहे है। एक निश्चित पैमाने पर जनसंख्या समाज की उपलब्धि है। कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी के निर्देशानुसार जिले में पुरूष/महिला नसबंदी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 27 जून 2024 से 24 जुलाई 2024 तक जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा आयोजित होगी। यह पखवाडा़ 02 चरणों में आयोजित किया जाएगा, पहला चरण मोबलाईजेशन एवं द्वितीय चरण सेवा वितरण चरण के रूप में मनाया जाएगा।  गांव-गांव में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा मोर मितान मोर संगवारी सम्मेलन के माध्यम से पुरूष नसबंदी पखवाड़ा को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। जिससे पूरे परिवार को परिवार कल्याण के महत्व को समझाया जा सके, स्वास्थ्य केंद्रों पर कंडोम बॉक्स रखे गये हैं ताकि लोग खुद ही इस साधनों को बॉक्स से ले सके। इस बार जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा 2024 को विकसित भारत की नयी पहचान, परिवार नियोजन हर दम्पत्ति की शान की थीम पर मनाया जा रहा है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जे.पी. मेश्राम के द्वारा जागरूकता हेतु सारथी रथ रवाना किया जायेगा।

       जिला परिवार कल्याण नोडल अधिकारी डॉ. सी.बी.एस. बंजारे ने बताया कि पुरूष नसबंदी में मात्र 10 मिनट का समय लगता है एवं नसबंदी के तुरंत बाद घर जा सकते है। पुरूष नसबंदी सरल, सुरक्षित और आसान विधि है, इसलिए योग्य और इच्छुक लाभार्थी आगे आकर इस विधि का चुनाव करें और लाभ उठायें। पुरूष नसबंदी के पश्चात् किसी प्रकार की कमजोरी नहीं आती है एवं सामान्य कार्य प्रारंभ कर सकते है। जिला दुर्ग में पखवाड़े के दौरान जिला चिकित्सालय दुर्ग, एवं समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पुरूष/महिला नसबंदी ऑपरेशन की सुविधा प्रदान की जाएगी। पखवाड़े के दौरान अधिक से अधिक संख्या में हितग्राही को लेकर आने एवं जागरूकता के उद्देश्य से मोर मितान मोर संगवारी चौपाल एवं सास-बहू सम्मेलन के माध्यम से स्वास्थ्य कार्यकर्ताओ द्वारा लक्ष्य दंपत्ति की ग्रामवार सूची तैयार कर आयोजन किया जा रहा है। जिला सलाहकार परिवार कल्याण शोभिका गजपाल के अनुसार पुरूष नसबंदी के पश्चात् हितग्राही के खाते में प्रोत्साहन राशि के रूप में 3000 रूपए एवं महिला नसबंदी में हितग्राही को 2000 रूपए प्रदाय किया जाता है। परिवार नियोजन बढ़ती जनसंख्या को रोकने के साथ-साथ माता एवं शिशु के स्वास्थ्य के लिए भी आवश्यक है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *