किसान वृक्ष मित्र योजना के उद्देश्य और लाभ:
– कृषकों की आय में वृद्धि के लिए वाणिज्यिक वृक्षारोपण को प्रोत्साहन
योजना के पात्रता और लाभार्थी:
– सभी वर्ग के इच्छुक भूमि स्वामी, शासकीय और निजी संस्थान पात्र
पौधों की उपलब्धता और वित्तीय अनुदान:
– 5 एकड़ तक निःशुल्क पौधे और जीवित पौधों के आधार पर अनुदान
रोपण पश्चात् रखरखाव के प्रावधान:
– जीवित पौधों की संख्या के आधार पर वित्तीय सहायता
जल संरक्षण और संवर्धन पर जोर:
– सोकपीट, वर्षा जल संग्रहण और तालाबों का सौंदर्यीकरण
कलेक्टर के निर्देश:
– अधिक से अधिक कृषकों को योजना में शामिल करने और सड़क किनारे छायादार वृक्ष लगाने के निर्देश
किसान वृक्ष मित्र योजना से कृषकों की आय में होगी वृद्वि
दुर्ग। कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी की अध्यक्षता में आज कलेक्ट्रेट सभागृह में वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों से किसान वृक्ष मित्र योजना की जानकारी लेते हुए इसके अंतर्गत हो रही गतिविधियों पर चर्चा की। किसान वृक्ष मित्र योजना का उद्देश्य कृषकों एवं अन्य हितग्राहियों के निजी भूमि पर वाणिज्यिक प्रजातियों के वृक्षों का रोपण कर सहयोगी संस्था एवं निजी कंपनियां के माध्यम से उत्पाद की वापस खरीदी करते हुए उनके आय में बढ़ोतरी करना है। समस्त वर्ग के सभी इच्छुक भूमि स्वामी, शासकीय, अर्ध शासकीय एवं शासन के स्वयत्त संस्थाएं जो अपनी स्वयं की भूमि पर रोपण करना चाहते है इनके आलावा निजी शिक्षण संस्थाएं, निजी ट्रस्ट, गैर शासकीय संस्थाएं, पंचायते, भूमि अनुबंध धारक जो अपनी भूमि में रोपण करना चाहते हैं इस योजना हेतु पात्र होंगे। योजना अंतर्गत पात्र हितग्राहियों को अधिकतम 5 एकड़ तक की भूमि पर 5 हजार पौधे निःशुल्क प्रदान किए जाएंगे एवं उनके रखरखाव हेतु जीवित प्रतिशत पौधों के आधार पर निर्धारित दर पर वित्तीय अनुदान दिया जाएगा। इसी प्रकार 5 एकड़ से अधिक भूमि होने पर प्रति एकड़ 1 हजार पौधे निःशुल्क प्रदान किए जाएंगे एवं जीवित प्रतिशत पौधों के आधार पर 50 प्रतिशत वित्तीय अनुदान दिया जाएगा। योजना में क्लोनल नीलगिरी, रूटशूट सागौन, टिश्यू कल्चर सागौन, चंदन, मिलिया डुबिया, सामान्य बांस, टिश्यू कल्चर बांस प्रजातियों के पौधे निःशुल्क प्रदान किए जाएंगे। वृक्ष परिपक्व होने के पश्चात् शासन द्वारा सहयोगी संस्था/निजी कंपनियों के माध्यम से निर्धारित समर्थन मूल्य पर वापस खरीदी का प्रावधान होगा। रोपण पश्चात् आगामी 2 वर्षों में जीवित पौधों की संख्या के आधार पर रखरखाव हेतु प्रति पौधा वित्तीय अनुदान दिया जाएगा। जिसके अनुसार टिश्यु कल्चर बांस, टिश्यु कल्चर सागौन एवं मिलिया डुबिया प्रजाति के पौधों के लिए प्रथम वर्ष 10.50 रूपए, द्वितीय व तृतीय वर्ष 6.50-6.50 रूपए प्रति पौधा की दर से दिए जाएंगे। वहीं क्लोनल नीलगिरी एवं अन्य आर्थिक लाभकारी पौधों की प्रजातियों के लिए प्रथम वर्ष 10 रूपए, द्वितीय व तृतीय वर्ष 6.50-6.50 रूपए प्रति पौधा की दर से दिए जाएंगे।
कलेक्टर सुश्री चौधरी ने इस महत्वाकांक्षी योजना के क्रियान्वयन हेतु योजनाबद्ध तरीके से युद्धस्तर पर वृक्षारोपण करने एवं अधिक से अधिक कृषक लाभार्थियों को योजना में सम्मिलित करने हेतु बल देकर कार्य करने कहा। गर्मी में बढ़ते तापमान को देखते हुए सड़क के किनारे छायादार वृक्ष एवं बीच की कैरिज पर झाड़ियों वाले पौधे रोपण करवाना सुनिश्चित करने कहा। इसके अलावा उन्होंने खाली प्लॉट्स एवं तालाबों के किनारे जामुन, बादाम, आम एवं अमरूद जैसे फलदार एवं भरपूर ऑक्सीजन मुक्त करने वाले पौधे लगाने के निर्देश दिए। साथ ही तालाबों का सौंदर्यीकरण भी किया जाना सुनिश्चित करने कहा।
कलेक्टर ने पौधारोपण के साथ-साथ जल संरक्षण एवं संवर्धन हेतु भी योजनाबद्ध तरीके से कार्य किए जाने के निर्देश दिए। जिसके अंतर्गत उन्होंने सोकपीट बनाने एवं वर्षा जल के संग्रहण हेतु आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने कहा। इसके अलावा उन्होंने तालाबों में वर्षा जल के संग्रहण हेतु सीमेंटीकरण के दौरान किनारों पर पेवर ब्लॉक अथवा पोरस पत्थर लगवाना सुनिश्चित करने कहा ताकि अधिक से अधिक वर्षा जल संरक्षित किया जा सके। बैठक में डीएफओ श्री चंद्रशेखर परदेशी, सीईओ जिला पंचायत श्री अश्विनी देवांगन, आयुक्त नगर निगम के साथ अन्य विभाग के अधिकारीगण एवं चेम्बर ऑफ कामर्स के सदस्यगण मौजूद थे।