छ. ग. सरकार द्वारा जारी किए गएआयुष्मान मेडिकल कार्ड की अस्पताल में की गई अवहेलना

गंगोत्री हॉस्पिटल को नोटिस जारी, लाखों रुपए के उपचार में नहीं होता आयुष्मान कार्ड से इलाज

       दुर्ग। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में स्थित गंगोत्री हॉस्पिटल को लेकर लगातार लोगों की शिकायत सामने आने लगी थी। मरीज के परिजनों का आरोप है कि आयुष्मान कार्ड की सुविधा नहीं होने के चलते उन्हें इलाज के नाम पर लाखों रुपए खर्च करना पड़ रहा है। आयुष्मान कार्ड से इलाज की सुविधा नहीं होने के मामले को स्वास्थ विभाग दुर्ग ने गंभीरता से लेते हुए गंगोत्री हॉस्पिटल दुर्ग को 24 मई को नोटिस जारी करते हुए 3 दिन के भीतर जवाब मांगा है।

       आपको बता दे की दुर्ग स्थित गंगोत्री अस्पताल द्वारा मरीज से इलाज के नाम पर मोटी रकम वसूला जाता है। मरीज के परिजनों की शिकायत थी कि गंगोत्री हॉस्पिटल दुर्ग में आयुष्मान कार्ड का इस्तेमाल सिर्फ जनरल मेडिसिन के लिए किया जाता है, लेकिन लाखों रुपए खर्च होने वाले उपचार के लिए नहीं किया जाता। दुर्ग जिला प्रशासन अगर गंगोत्री हॉस्पिटल दुर्ग पर कार्रवाई करती है तो ऐसे कई ऐसे लोगों को फायदा होगा जो इलाज के नाम पर आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद अपना घरबार बेचकर रुपए जमा किए है। इस खबर के प्रकाशन के बाद और भी मामले सामने आने की उम्मीद जताया जा रहा है।

गंगोत्री अस्पताल को नोटिस जारी करते हुए 3 दिन में मांगा जवाब

       कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला दुर्ग ने गंगोत्री हॉस्पिटल को 24 मई को नोटिस जारी करते हुए 3 दिन के भीतर जवाब मांगा है। गंगोत्री अस्पताल को भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि मो. रजा खान द्वारा प्रस्तुत शिकायत के अनुसार मरीज तौकीर आलम को दिनांक 16.05.2024 को जिला चिकित्सालय दुर्ग मे उपचार के लिये भर्ती किया गया था तथा स्थिति गम्भीर होने के कारण जिला चिकित्सालय द्वारा उन्हे उच्च चिकित्सा संस्था / मेडिकल कालेज के लिये रिफर किया गया था। चूंकि आपका चिकित्सालय जिला चिकित्सालय से उच्च चिकित्सा संस्थान नही है फिर भी उक्त मरीज को आपके चिकित्सालय में उपचार हेतु भर्ती किया गया तथा आयुष्मान कार्ड से निःशुल्क उपचार की सुविधा प्रदाय नहीं किया गया।

       पूर्व में भी आपके चिकित्सालय में आयुष्मान कार्ड से उपचार की शिकायते प्राप्त हुई है जिनका जवाब संतोषजन नहीं पाया गया। आपके चिकित्सालय के औचक निरीक्षण के दौरान चिकित्सालय में कोई भी एम.बी.बी.एस. चिकित्सक नहीं उपलब्ध थे।

       जिला चिकित्सालय से उच्च चिकित्सा संस्था / मेडिकल कालेज के लिये रिफर मरीज को आपके चिकित्सालय में भर्ती किया जाना मरीज की जान से खिलवाड किया जाना प्रतीत होता है। क्यो ना आपकी संस्था को चिकित्सा सेवा की मान्यता समाप्त करने की कार्यवाही की जावे।

       उच्च चिकित्सा संस्थान के लिये रिफर मरीज को अपने निजी चिकित्सालय में भर्ती करने तथा आयुष्मान कार्ड से निःशुल्क उपचार प्रदाय नहीं किये जाने के संबंध मे तीन दिवसो के भीतर अपना स्पष्टीकरण अधोहस्ताक्षरी के समक्ष प्रस्तुत करे। संतोषजनक स्पष्टीकरण प्राप्त नही होने की स्थिति मे आपके विरूद्ध नियमान्मार कार्रवाई की जाएगी जिसके लिये आप स्वयं जवाबदेह होंगे।

 

मामला – 1

       चंद रुपए कमीशन के चलते नवजात के सिर से उठा मां का साया, मातम में बदली शादी के 5 साल बाद गूंजी किलकारी, इस मौत का जिम्मेदार कौन?

       छत्तीसगढ़ दुर्ग जिले में पाटन के गांव कुम्हली में रहने वाले कुलेश्वर साहू की शादी मई 2019 में सीमा साहू से हुई थी। करीब 5 साल और लाखों मिन्नते के बाद जिला हॉस्पिटल दुर्ग में किलकारी गूंजी। सीमा साहू ने नार्मल डिलिवरी के बाद 28 मार्च 2024 को एक बालक को जन्म दिया। बच्चे की स्थिति खराब होने के कारण उसे रायपुर रिफर किया गया। कुलेश्वर साहू सरकारी एंबुलेंस से अपने दूध मुहे बच्चे को सरकारी एंबुलेंस से रायपुर ले गए जहां कुछ दिन इलाज के बाद बच्चा स्वस्थ होकर घर लौटा। वहीं सीमा साहू की स्थिति 31 मार्च को अचानक खराब हो गई। उसे भी रायपुर रिफर किया गया और सारा खेल यहीं से शुरू होता है। सरकारी एंबुलेंस नहीं होने के कारण सीमा साहू के परिजन काफी डर गए। कुलेश्वर साहू ने बताया कि इस दौरान एक निजी एंबुलेंस मिला। कमिशन के लालच में निजी एंबुलेंस के चालक ने ग्रामीण और चिंतित परिजनों अपने झांसे में लिया। परिजनों ने बताया कि पूरा शहर घूमने के बाद एंबुलेंस चालक ने सीमा साहू को दुर्ग के आर्य नगर स्थित गंगोत्री हॉस्पिटल में ले गए। गरीब परिजनों को चालक ने बताया था कि यहां आयुष्मान कार्ड से इलाज होता है, चिंता की कोई बात नहीं। मरीज को गंगोत्री हॉस्पिटल में छोड़ने के बाद चालक का काम खत्म क्योंकि उसका तो कमिशन फिक्स है। कुलेश्वर साहू ने बताया कि 31 मार्च को उनकी पत्नी सीमा साहू को गंगोत्री अस्पताल में भर्ती कराया गया और 10 अप्रैल को उसकी मौत हो गई। इस दौरान करीब 2.50 लाख रुपए कैश इलाज के नाम खर्च हो गए। आयुष्मान कार्ड काम नहीं आया इसलिए नकद देना पड़ा। कुलेश्वर साहू ने बताया कि वे मजदूरी कर परिवार चलाते है। बड़ा रकम जुटाने उनको काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। पत्नी की इलाज के लिए कई लोगों से रुपए उधार लेकर गंगोत्री हॉस्पिटल का बिल पटाया। इसका पूरा रसीद भी नहीं दिया गया। हॉस्पिटल ने अठन्नी तक नहीं छोड़ा। 5 रुपए में मिलने वाला सर्जिकल दस्ताना भी बिल में जोड़ा गया है। मृतका सीमा साहू के पति और परिजनों से मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के कमीशन खोर एंबुलेंस चालकों और ऐसे अस्पतालों पर कार्रवाई की मांग की है। वहीं इस मामले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय ने नोटिस जारी कर गंगोत्री हॉस्पिटल से जवाब मांगा है।

मामला – 2

       गंगोत्री हॉस्पिटल पर कार्रवाई की मांग, आयुष्मान कार्ड की सुविधा न होने के चलते इलाज में लग गए लाखों रुपए

      हंसी मस्जिद के पास कुरूद रोड कोहका भिलाई निवासी मोहम्मद हसरत पिता मोहम्मद सफीकुर रहमान ने बताया कि उनके मामा तौकीर आलम पर विगत 16 मई को कुछ लोगों ने हमला कर दिया था। इलाज के लिए दुर्ग जिला हॉस्पिटल लेकर गए। उसी रात वहां से घायल तौकीर आलम को रिफर के बाद दुर्ग स्थित गंगोत्री हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। तौकीर आलम को गंगोत्री हॉस्पिटल में भर्ती करने के दौरान कहा गया था की एक दिन का बेड चार्ज 10 हजार रुपए देने होंगे।

      भर्ती करने के बाद हॉस्पिटल प्रबंधन ने बोला की एक दिन का बेड चार्ज 10 हजार रुपए लगेगा। ऑपरेशन के बाद 16 मई से 23 मई तक तौकीर आलम को ICU में रखा गया था। 22 मई तक करीब 1.50 लाख रुपए गंगोत्री हॉस्पिटल इलाज के नाम पर जमा कर चुके है। मोहम्मद हसरत ने बताया कि गंगोत्री हॉस्पिटल में आयुष्मान कार्ड का इस्तेमाल सिर्फ जनरल मेडिसिन के लिए किया जाता है। मरीज तौकीर आलम के परिजनों का आरोप है कि गंगोत्री हॉस्पिटल में अगर जनरल मेडिसिन के लिए आयुष्मान कार्ड का इस्तेमाल होता है तो ऐसे इलाज जिसमें लाखों रुपए खर्च करना पड़ता है उसमें आयुष्मान की सुविधा क्यों नहीं दी जाती। मरीज तौकीर आलम के परिजनों ने शासन प्रशासन से कार्रवाई और न्याय की मांग की है।

17 मई को स्वस्थ विभाग की टीम ने कई अस्पतालों में दी थी दबिश

      दुर्ग जिले में स्वस्थ विभाग की टीम ने शहर के गायत्री हॉस्पिटल, रेनबो हॉस्पिटल, भिलाई नगर्सिंग होम सहित कई अस्पतालों का औचक निरीक्षण किया। खामियां पाए जाने पर गायत्री हॉस्पिटल, रेनबो हॉस्पिटल को नोटिस थमाते हुए 2 दिन में जवाब मांगा गया है। इन अस्पतालों पर आयुष्मान कार्ड सुविधा होने के बाद भी नकद लेकर इलाज किया जाता है। दुर्ग जिले के नर्सिंग होम एक्ट के नोडल अधिकारी डॉ. अनिल शुक्ला अपनी टीम के साथ रात में आधा दर्जन से अधिक हॉस्पिटल में छापेमारी कर वहां का निरीक्षण किया।इस दौरान उन्होंने गायत्री हॉस्पिटल, रेनबो हॉस्पिटल, भिलाई नगर्सिंग होम सहित कई अस्पतालों का औचक निरीक्षण किया। गायत्री हॉस्पिटल और रेनबो हॉस्पिटल में कई कमियां मिलीं।

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