राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना का नाम बदलना भाजपा की घटिया राजनीति : दीपक बैज

योजनाओं का नाम बदलना सरकार के मानसिक दिवालियेपन को दर्शाता है

5 माह में एक भी मौलिक योजना शुरू नहीं कर पाई भाजपा सरकार अब नाम बदल रही है


       रायपुर।
साय सरकार द्वारा राजीव गांधी ग्रामीण कृषि मजदूर न्याय योजना का नाम बदले जाने का कांग्रेस ने कड़ा विरोध किया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि यह भाजपा की स्तरहीन राजनीतिक सोच है। पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार ने प्रदेश के खेतिहर भूमिहीन मजदूरों तथा पौनी पसारी का काम करने वाले ग्रामीण जनों के कल्याण के लिये राजीव गांधी ग्रामीण कृषि मजदूर न्याय योजना शुरू किया था। जिसके तहत भूमिहीन ग्रामीणों को पहले 7000 वार्षिक बाद में 10 हजार वार्षिक दिया जाता था। दुर्भाग्यजनक है कि साय सरकार 5 माह में जनकल्याण की कोई नई योजना शुरू नहीं कर पाई पुरानी सरकार की योजना का नाम बदलकर दीनदयाल भूमिहीन मजदूर न्याय योजना कर दिया। इस योजना से पौनी पसारी के लोगो को अलग करने का भी षड्यंत्र किया जा रहा है। योजनाओं का नाम बदलना सरकार के मानसिक दिवालियेपन को दर्शाता है। 5 माह में एक भी मौलिक योजना शुरू नहीं कर पाई भाजपा सरकार अब नाम बदल रही है।

       दीपक बैज ने कहा कि छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार बनने के बाद जनकल्याणकारी योजनायें दम तोड़ चुकी है। किसानों को मिलने वाली राजीव गांधी किसान न्याय योजना की चौथी किस्त नहीं दिया गया। गौठानों को बंद कर दिया गया जिससे 27 लाख से अधिक बहनें जो स्व-सहायता समूह के माध्यम से गौठानों में काम करती थी बेरोजगार हो गयी। 13800 से अधिक राजीव युवा मितान क्लबों को बंद कर दिया गया जिससे युवाओं के सर्वागीण विकास के लिये मिलने वाली एक लाख रू. की सहायता बंद हो गयी। बेरोजगार युवाओं को मिलने वाली बेरोजगारी भत्ता को बंद कर दिया। गोधन न्याय योजना और गोबर खरीदी बंद कर दिया गया। ग्रामीण रोजगार योजना के लिये चलाई जाने वाली ‘‘रीपा’’ रूरल इंडस्ट्रियल पार्क को बंद करने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है।

       आदतन किसान विरोधी डिप्टी सीएम विजय शर्मा सहित भाजपा के तमाम प्रत्याशी चुनाव प्रचार के दौरान छत्तीसगढ़ के सभी किसानों का 2 लाख तक का कर्ज माफ करने का वादा करते दिखे लेकिन सरकार बनते हैं भाजपा नेताओं ने यू टर्न ले लिया। धान और किसान का विषय भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के लिए केवल चुनावी है, चुनाव खत्म मुद्दा खत्म। आदतन वादाखिलाफी करने वाले भाजपाई अब छत्तीसगढ़ के किसानों के प्रति अपने दायित्व से भाग रहे हैं।

       राजीव गांधी किसान न्याय योजना की चौथी किस्त के लिये पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा 1600 करोड़ रू. का बजट पास करके रखा था साय सरकार ने किसानों को भुगतान नहीं किया जिसके कारण किसानों को मिलने वाली किसान न्याय योजना की चौथी किस्त की बजट राशि 31 मार्च को लेप्स हो गयी। यह भारतीय जनता पार्टी की किसान विरोधी सोच का नतीजा है किसानों ने अपना धान 2680 रू. में सरकार के पास बेचा था यह छत्तीसगढ़ सरकार और किसानों के बीच का अनुबंध था। सरकार चलाने वाला दल भले ही बदल गया हो किसानों से सरकार द्वारा किया गया अनुबंध (वादा) तो यथावत है। किसान न्याय योजना का पैसा किसानों का हक है उन्हें मिलना ही चाहिये। साय सरकार किसानों को उनके धान का पैसा तत्काल भुगतान करें।

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