जिले का नरहरा जल प्रपात बना आकर्षण का केन्द्र

धमतरी : जिले का नरहरा जल प्रपात बना आकर्षण का केन्द्र

धमतरी 03 जनवरी 2025

घने जंगल में चट्टानों के बीच से गिरता दुधिया रंग का पानी यह खूबसूरत नजारा है, धमतरी जिले में मौजूद नरहरा धाम का। इसे ऋषि मारकंडे की तपोभूमि के तौर पर भी जाना जाता है. नगरी विकासखण्ड के ग्राम झूरातराई-कोटरवाही के समीप स्थित नरहराधाम प्राकृतिक जलप्रपात को पर्यटन के दृष्टिकोण से उभारा गया है। इसकी खासियत यह है कि नरहरा धाम को पर्यटन क्षेत्र के तौर पर विकसित करने के साथ-साथ इसमें ग्रामीणों की सहभागिता सुनिश्चित की गई है, जिससे उन्हें निश्चित आय और रोजगार मुहैया हो।
नरहरा धाम को पर्यटन की दृष्टि से विकसित कर उसका प्रबंधन एवं नियंत्रण का प्राधिकार ग्राम समिति अथवा ग्रामसभा ग्राम कोटरवाही एवं झूरातराई के ग्रामीणों को दिया गया। यहां पहुंचने के लिए पहुंच मार्ग तैयार किया गया है। इसके अलावा स्वच्छ भारत मिशन के द्वारा सामुदायिक शौचालय का भी निर्माण किया गया है। पर्यटन क्षेत्र में सामुदायिक शौचालय, स्वच्छता, वाहन पार्किंग, टुरिस्ट गाइड आदि का संचालन स्थानीय ग्रामीण महिलाओं और पुरूषों का समूह द्वारा की जा रही है। धमतरी जिला मुख्यालय से तकरीबन 35 किलोमीटर दूर यह नरहरा धाम कुकरेल से बिरझुली जाने वाली पक्की सड़क के बाद कोटरवाही से 5 किलोमीटर है। जलप्रपात का स्वरूप पूरी तरह से प्राकृतिक है और आसपास का पूरा पानी बहकर आगे बढ़ने के दौरान नरहरा धाम में जलप्रपात का स्वरूप लेता है। चट्टानों के ऊपर से पानी का बहाव साफ जाहिर करता है कि पानी के तेज बहाव में चट्टानों को काटकर क्षेत्र प्राकृतिक सौंदर्य दिया है यह पानी आगे बढ़कर महानदी में जाकर मिलता है।  नरहरा धाम पर्यटन के दृष्टि से ऐतिहासिक स्थल होने के साथ-साथ धार्मिक आस्था का केंद्र भी है। यहां कभी ऋषि मारकंडे तप किया करते थे और यह जगह उनका तपस्थली हुआ करता था। इसी जगह पर माता नारेश्वरी देवी का मंदिर भी स्थापित किया गया है। रोजाना यहां सैकड़ों लोग पिकनिक मनाने पहुंचते है।

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