रायपुर। सावन मास के पूरे महीने में भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है, और इस पावन अवसर पर छत्तीसगढ़ में भगवान राम को भांजे के रूप में पूजा जाता है। श्रीरामचरितमानस में गोस्वामी तुलसीदास द्वारा वर्णित भगवान राम की चारित्रिक विशेषताएं इस पूजन का केंद्र होती हैं। सावन मास में मानस पथिक विशेष रूप से परायण विधि से भगवान राम की आराधना करते हैं।
इसी संदर्भ में, बालोद जिले के झलमला स्थित मां गंगा मैया मंदिर के परिसर में तीन दिवसीय विराट मानस तिहार का आयोजन किया गया। इस आयोजन में बालिका मानस मंडली की कु. रवीना रावटे और बालिकावृन्द के साथ-साथ समस्त नगरवासियों का विशेष सहयोग रहा। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के विभिन्न प्रचलित मानस मंडलियों ने अपनी सांगीतिक प्रस्तुतियाँ दीं।
समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में मानस दर्शन जीवन अर्पण छत्तीसगढ़ के संस्थापक दीपक गुहा जी उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता माखन साहू जी ने की, जो कि राज मानस संघ धमतरी के उपाध्यक्ष हैं। विशेष अतिथि के रूप में देवलाल सिन्हा, अध्यक्ष जिला मानस संघ बेमेतरा, उपस्थित रहे। आयोजन के संयोजक मंडल में आदरणीय आत्मा साहू, मैसूल साहू, हेमराज भार्गव, पोषण सिन्हा सहित अन्य मित्र मंडल भी शामिल थे।
दीपक गुहा जी ने अपने उद्बोधन में मानस मंचों पर मानस के सम्मान और मंडलियों द्वारा प्रामाणिक प्रस्तुति के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने तुलसीदास जी की पंक्तियों का उल्लेख करते हुए कहा कि सच्चे मन से मानस की साधना करने पर सब कुछ प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने मानस को एक गतिशील और सार्वभौमिक विश्वविद्यालय बताया, जहाँ की पंक्तियों और शब्दों पर लोग शोध कर कई डिग्रियाँ प्राप्त कर रहे हैं। देवलाल सिन्हा ने अपने उद्बोधन में आगामी “पितृ देवो भव” कार्यक्रम के लिए सभी को आमंत्रित किया, जो बस्तर में 28 और 29 सितम्बर को आयोजित होने वाला है।
आत्मा राम साहू ने अपने कविताओं के माध्यम से मंच पर समां बांधा और कहा कि सावन मास के अवसर पर ऐसे आध्यात्मिक कार्यक्रम अनुकरणीय होते हैं। उन्होंने सभी को बधाई देते हुए अपने अंदाज में अपनी बात रखी। अंत में, उपस्थित सभी अतिथियों का शाल और श्रीफल से सम्मान किया गया।