भ्रष्टाचार और कानून व्यवस्था पर विपक्ष का हमला, सरकार की उपलब्धियों का बखान और विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर रहेगा जोर
रांची। झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र 26 जुलाई से शुरू होगा और दो अगस्त तक चलेगा। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने एक सप्ताह तक चलने वाले सत्र को मंजूरी दे दी है, जिसमें छह कार्य दिवस होंगे। अधिकारी ने कहा, ‘‘राज्यपाल ने 26 जुलाई से 2 अगस्त तक झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र बुलाने को मंजूरी दे दी है।’’
सत्र के दौरान विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) भ्रष्टाचार, बिगड़ती कानून व्यवस्था और घुसपैठ जैसे विभिन्न मुद्दों पर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) नीत सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार को घेरने का प्रयास करेगी। ऐसे में सत्र के हंगामेदार होने के आसार हैं।
झारखंड विधानसभा का यह आखिरी सत्र होगा। इस बीच, सत्तारूढ़ गठबंधन इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारी के तहत सरकार की उपलब्धियों को गिनाने के लिए सत्र का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाने की कोशिश करेगा। राज्य की 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए पिछले चुनाव नवंबर-दिसंबर 2019 में हुए थे।
झारखंड के राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 174 खंड (1) के द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए विधानसभा का सत्र आहूत किया है. झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र में कुल 6 कार्य दिवस होंगे. 30 जुलाई को वित्तीय वर्ष 2024 -25 का प्रथम अनुपूरक बजट सदन में पेश होगा. मानसून सत्र में प्रश्नकाल, राजकीय विधेयक के साथ -साथ अंतिम दिन गैर सरकारी संकल्प भी सदन में आएगा।
आगामी झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर ये भी संभावना जताई जा रही है कि शायद ये पंचम विधानसभा का अंतिम सत्र हो. क्योंकि समय से पहले विधानसभा चुनाव होने की अटकलें राजनीतिक गलियारों में लगाई जा रही है. भारत निर्वाचन आयोग की टीम भी विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर झारखंड में समीक्षा बैठक कर चुकी है. अब मानसून सत्र में मुद्दों की बात करें, तो मुद्दों की जोरदार बारिश की संभावना बनी हुई है।
बीजेपी के विधायक बांग्लादेशी घुसपैठ, गिरती कानून व्यवस्था, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई, जमीन लूट, बालू की कालाबाजारी सहित अन्य मुद्दों पर सरकार को सदन के अंदर और बाहर घेरने को तैयार है. वहीं, राज्य सरकार के मंत्री और विधायक भी सदन में विपक्ष का जवाब देने के लिए तैयार है।
हेमंत सोरेन कैबिनेट विस्तार के बाद झारखंड का यह पहला विधानसभा का सत्र होगा, इसलिए सदन के अंदर का नजारा भी बदला-बदला सा नजर आने वाला है. सरकार की कोशिश सदन में राज्य सरकार की योजनाओं से विपक्ष को जवाब देने के साथ-साथ विधेयक पास कराना होगा. ऐसे में झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र इस बार हंगामेदार होने के आसार दिख रहे हैं।