छत्तीसगढ़ में द्वितीय नेशनल लोक अदालत का सफल आयोजन

मुख्य न्यायाधिपति रमेश सिन्हा ने वर्चुअल मोड से सभी 23 जिलों की कार्यवाहियों का निरीक्षण किया

रायगढ़ में घरेलू हिंसा के मामले में समझौता, वृद्ध दंपत्ति का पुनर्मिलन

नेशनल लोक अदालत में आठ लाख से अधिक मामलों का निराकरण, 199 करोड़ रुपये का अवार्ड पारित

मुख्य न्यायाधिपति ने न्यायाधीशों, अधिकारियों और मीडिया का आभार व्यक्त किया

      रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य में आज द्वितीय नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति श्री रमेश सिन्हा, जो छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के मुख्य संरक्षक भी हैं, ने राज्य के सभी 23 जिला एवं सत्र न्यायालयों से वर्चुअल मोड के माध्यम से जुड़कर लोक अदालत की कार्यवाहियों का निरीक्षण किया। उन्होंने प्रधान जिला न्यायाधीशों और अन्य खंडपीठ के पीठासीन अधिकारियों से संवाद किया और लोक अदालत की प्रगति का जायजा लिया।

      मुख्य न्यायाधिपति ने न्यायाधीशों को अधिक से अधिक प्रकरणों के निराकरण के लिए मार्गदर्शन करते हुए प्रोत्साहित किया। इस दौरान रायगढ़ के एक मामले में जहां एक उम्रदराज पति-पत्नी के बीच घरेलू हिंसा का विवाद था और वे अलग रह रहे थे, लोक अदालत के दौरान उनका समझौता हुआ और वे एक साथ रहने के लिए तैयार हो गए। मुख्य न्यायाधिपति ने उनके प्रयासों की सराहना की और दंपत्ति को भविष्य के खुशहाल जीवन के लिए शुभकामनाएं दीं।

      मुख्य न्यायाधिपति ने उच्च न्यायालय बिलासपुर में नेशनल लोक अदालत के संबंध में गठित दो खंडपीठों का भी भ्रमण किया और लोक अदालत कार्यवाहियों का जायजा लेते हुए अधिवक्ताओं और पक्षकारों से अधिक से अधिक मामलों को निराकृत कराने की बात कही।

      मुख्य न्यायाधिपति की पहल पर, छत्तीसगढ़ राज्य के इतिहास में पहली बार उच्च न्यायालय के सभी न्यायमूर्तियों ने अपने पोर्टफोलियो जिलों में भ्रमण कर नेशनल लोक अदालत की कार्यवाहियों का निरीक्षण किया और लोक अदालत के पीठासीन अधिकारियों, सदस्यों और पक्षकारों को अधिक से अधिक मामले निपटाने के लिए प्रोत्साहित किया।

      इस नेशनल लोक अदालत के दौरान राज्य में उच्च न्यायालय से लेकर तालुका स्तर न्यायालयों और राजस्व न्यायालयों में लगभग आठ लाख से अधिक मामलों का निराकरण करते हुए लगभग 199 करोड़ रुपये का अवार्ड पारित किया गया।

      मुख्य न्यायाधिपति ने उच्च न्यायालय के सभी न्यायमूर्तियों, प्रधान जिला न्यायाधीशों, लोक अदालत के पीठासीन अधिकारियों, न्यायालयीन कर्मचारियों, पैरालीगल वोलंटियर्स, अन्य विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों, पक्षकारों और मीडिया का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने इस नेशनल लोक अदालत को ऐतिहासिक रूप से सफल बनाने में योगदान दिया।

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