प्रधानमंत्री मोदी के सहकारिता मंत्रालय के गठन की सराहना, ड्रोन दीदियों के प्रयासों की सराहना, सहकारिता से आर्थिक समृद्धि की दिशा में कदम
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर के जोरा स्थित कृषि महाविद्यालय के कृषि मंडपम में आयोजित प्रदेश स्तरीय कृषि सहकार सम्मेलन एवं सम्मान समारोह को संबोधित किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सहकारिता मंत्रालय के गठन के फैसले की सराहना की, जिससे देश के गांवों, गरीबों और किसानों के उत्थान का मार्ग प्रशस्त हुआ है।
मुख्यमंत्री साय ने अपने संबोधन में कहा कि भारत में सहकार की परंपरा बहुत पुरानी है और यह ग्रामीण और किसानों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सहकारिता के माध्यम से बड़े से बड़े काम को आसानी से पूरा किया जा सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक क्रांति लाने में सहकारिता की भूमिका को उन्होंने अहम बताया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने ड्रोन दीदियों से मुलाकात की और उनके ड्रोन संचालन का प्रदर्शन देखा। उन्होंने ड्रोन दीदियों की हौसला अफजाई की और सहकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोगों को सम्मानित किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने रथ यात्रा की शुभकामनाएं देते हुए सहकारिता की महत्ता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सहकारिता के माध्यम से किसानों को धान का भुगतान, गुणवत्तापूर्ण बीज और खाद उपलब्ध कराना, आदिवासी क्षेत्रों में लघुवनोपजों की खरीदी और तेन्दूपत्ता संग्राहकों को पारिश्रमिक का भुगतान किया जा रहा है। सहकारिता के माध्यम से आज आर्थिक समृद्धि के रास्ते खुल रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने अपने पुराने दिनों को याद करते हुए सहकार से जुड़ी कई स्मृतियां साझा कीं। उन्होंने बताया कि गांव में लोग एक दूसरे के काम में स्वतः सहयोग करते थे और अपनी क्षमता के अनुसार मदद करते थे। उन्होंने कहा कि सहकारिता का यह कार्यक्रम प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
कार्यक्रम में कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने सहकारिता के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि सहकारिता के बिना सरकार और समृद्धि की कल्पना नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि सहकारिता की शक्ति और सहयोग से प्रदेश में व्यापक बदलाव लाया जा सकता है। सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने भी सहकारिता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में सहकारिता के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने की जरूरत है।
इस अवसर पर पूर्व सांसद दिनेश कश्यप, आईजीकेवी के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल, सीएसवीटीयू के कुलपति डॉ. मुकेश वर्मा, लक्ष्मीकांत द्विवेदी, करुणानिधि यादव, प्रीतपाल बेलचंदन, राधेश्याम जलक्षत्री और शताब्दी पाण्डेय मौजूद रहे।