प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) एक अच्छा घर का निर्माण करने और अपने परिवार के लिए बेहतर भविष्य बनाने का अवसर प्रदान कर रही है

श्री डोमार अपने परिवार के लिए एक पक्का घर बनाने में हुआ सक्षम

       दुर्ग। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) पूरे छत्तीसगढ़ में लाखों लोगों को किफायती दरों में आवास प्रदान करने में सहायक रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना लागू होने से लोगों को बुनियादी सुविधाओं के साथ घरों के निर्माण के लिए पात्र ग्रामीण और शहरी परिवारों को सहायता प्रदान करती है। ऐसी ही एक लाभार्थी की विशिष्ट सफलता की कहानी बताई जा रही है।
       जनपद पंचायत दुर्ग के एक छोटे से गांव कोड़िया के हितग्राही श्री डोमार साहू पिता श्री प्रेम साहू और उनके परिवार का आवास कुछ साल पहले तक एक जीर्ण-शीर्ण मिट्टी के घर में रहते थे, बरसात के दिनो में छत से पानी रिसाव होता था, जिससे परिवार को बहुत संर्घष का सामना पड़ता था। श्री डोमार जीवन यापन के लिए दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करता था और अपने परिवार के लिए उचित घर जुटाने के लिए संघर्ष करता था। जब श्री डोमार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के बारे में सुना तो उन्होंने आवेदन करने का फैसला किया। उन्होंने सभी आवश्यक दस्तावेज एकत्र किए और अपना आवेदन जमा करने के लिए स्थानीय सरकारी कार्यालय (ग्राम पंचायत) में आवेदन जमा किया। कुछ महीनों तक उत्सुकतापूर्वक प्रतीक्षा करने के बाद डोमार को वह समाचार मिला जिसकी वह आशा कर रहा था। उसका आवेदन स्वीकृत हो गया।

        प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) द्वारा प्रदान की गई वित्तीय सहायता से श्री डोमार अपने परिवार के लिए एक पक्का घर बनाने में सक्षम हुआ। नए घर में उचित दीवारें थीं, एक छत थी जो टपकती नहीं थी, और बिजली और पानी के कनेक्शन जैसी बुनियादी सुविधाएं थीं। इससे न केवल उनकी जीवन स्थितियों में सुधार हुआ बल्कि उन्हें सुरक्षा और सम्मान की भावना भी मिली। आज श्री डोमार को अब मानसून के मौसम या कठोर सर्दियों के दौरान अपने परिवार की सुरक्षा की चिंता नहीं है। उनके बच्चों के पास पढ़ने के लिए एक आरामदायक जगह है, और वह अपर्याप्त आवास के निरंतर बोझ के बिना उनके भविष्य को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। श्री डोमार की कहानी इस बात के कई उदाहरणों में से एक है कि कैसे प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) पूरे छत्तीसगढ़ में लोगों के जीवन को बदल रही है, उन्हें एक अच्छा घर का निर्माण करने और अपने परिवार के लिए बेहतर भविष्य बनाने का अवसर प्रदान कर रही है।


राज्य खेल पुरस्कार हेतु आवेदन आमंत्रित
अंतिम तिथि 30 जून

       दुर्ग। छत्तीसगढ़ शासन खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा प्रतिवर्षानुसार खिलाड़ियों/प्रशिक्षकों/निर्णायकों को खेल पुरस्कार प्रदान कर राज्य खेल अलंकरण से सम्मानित किये जाने हेतु शहीद राजीव पाण्डे पुरस्कार, शहीद कौशल यादव पुरस्कार, शहीद पंकज विकम सम्मान, वीर हनुमान सिंह पुरस्कार एवं शहीद विनोद चौबे सम्मान, मुख्यमंत्री ट्राफी हेतु अनुशंसाएँ आमंत्रित की जा रही हैं। इसके साथ-साथ वर्ष 2021-22 एवं 2022-23 में राष्ट्रीय प्रतियोगिता में पदक प्राप्त खिलाडियों को नगद राशि पुरस्कार, खेलवृति एवं खेल संघों से प्रेरणा निधि हेतु भी अनुशंसाएँ आमंत्रित की जा रही है। खेल एवं युवा कल्याण विभाग दुर्ग के सहायक संचालक से मिली जानकारी के अनुसार पुरस्कार के आवेदन पत्र का प्रारुप विज्ञापन संचालनालय के विभागीय वेबसाईट ीजजचेरू??ेचवतजेलूण्बहण्हवअण्पद में उपलब्ध है। जिला कार्यालय/संचालनालय में सभी आवेदन पत्र प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 30 जून 2024 है। अन्य जानकारी के लिए आवेदक जिला कार्यालय/संचालनालय में सम्पर्क कर सकते है।

 


64 पदों के लिए 14 जून को प्लेसमेंट कैम्प का आयोजन
       दुर्ग। जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केंद्र दुर्ग द्वारा जिले में नियोजक द्वारा उपलब्ध 30 रिक्त पदों को भरने के लिए प्लेसमेंट कैम्प का आयोजन 14 जून 2024 को सुबह 10.30 बजे से जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केन्द्र दुर्ग में किया जाएगा। प्लेसमेंट कैम्प में नियोजक गलोबल बायो साइंस बोरसी दुर्ग द्वारा सर्विस इंजीनियर के 3, अकाउंटेंट के 1 एवं क्षेत्रीय ग्रामीण फाइनेंस सर्विस प्रा.लि. द्वारा सेल्स एक्जीक्यूटिव केे कुल 60 पदों पर भर्ती की जाएगी।

       जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केन्द्र दुर्ग के उपसंचालक श्री आर.के. कुर्रे के अनुसार इच्छुक आवेदक समस्त शैक्षणिक मूल प्रमाण एवं अंकसूची, पहचान पत्र (मतदाता परिचय पत्र, आधार कार्ड, पेन कार्ड, ड्रायविंग लाइसेंस, राशन कार्ड) रोजगार कार्यालय का पंजीयन पत्रक, छ.ग. निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र के साथ उपस्थित हो सकते है। पदों, योग्यता, आयु एवं अनुभव से संबंधित जानकारी आवेदक प्लेसमेंट केम्प स्थल पर प्राप्त कर सकते हैं।

 


शासकीय कार्यालयों में दिव्यांगजन शिकायत
निवारण अधिकारी का विवरण होगा नामांकित

       दुर्ग। कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी के निर्देशानुसार दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के प्रावधानों के तहत प्रत्येक शासकीय कार्यालयों में दिव्यांगजनों के अधिकार की रक्षा एवं उनके प्रति दुर्व्यवहार को रोकने के उद्देश्य से दिव्यांगजन शिकायत निवारण अधिकारी का विवरण जैसे अधिकारी का नाम, पदनाम, मोबाईल नम्बर, ई-मेल आईडी नामांकित किया जाना है। कलेक्टर सुश्री चौधरी ने परिपत्र जारी कर सभी विभागों के प्रमुखों को अपने कार्यालय में उपरोक्त अनुसार कार्यवाही कर दिव्यांग जन शिकायत निवारण बोर्ड में दिव्यांगजन शिकायत निवारण अधिकारी का विवरण प्रदर्शित करना सुनिश्चित करने हेतु निर्देशित किया है। साथ ही एक सप्ताह के भीतर कृत्य कार्यवाही से उपसंचालक समाज कल्याण विभाग जिला दुर्ग को अवगत कराने को कहा है।

 


अमृतकाल छत्तीसगढ़ विजन /2047 विजन डाक्यूमेंट में जिला स्तरीय सुझाव भी होंगे शामिल
जिला स्तरीय समिति की बैठक में विभागों से सुझाव आमंत्रित

       दुर्ग। भारत सरकार के नीति आयोग के अनुसार विकसित भारत /2047 तैयार किया जाना है। इसी आधार पर छत्तीसगढ़ में राज्य नीति आयोग द्वारा अमृतकाल छत्तीसगढ़ विजन /2047  विजन डाक्यूमेंट तैयार करने के संबंध में जिला स्तरीय विजन संबंधी सुझाव मांगे गये हैं। इसी सिलसिले में आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में बताया गया कि जिले के विभिन्न सेक्टरों हेतु संभावनाएं, फोकस एरिया एवं लघु (पांच वर्ष), मध्यम (दस वर्ष), दीर्घकाल (25 वर्ष) के लिए एक्शन पाईंट चिन्हांकित कर जिले से संबंधित सुझाव जिला स्तरीय समिति के माध्यम से प्रेषित किया जाना है। वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की परिकल्पना को साकार करने में छत्तीसगढ़ राज्य की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। छत्तीसगढ़ राज्य में भी 2047 तक सभी सेक्टर्स के त्वरित विकास हो, सुनिश्चित करने के लिए राज्य नीति आयोग छत्तीसगढ़ द्वारा अमृतकाल छत्तीसगढ़ विजन /2047  विजन डाक्यूमेंट तैयार करने का कार्य संपादित किया जा रहा है। सर्व समावेशी विजन डाक्यूमेंट तैयार करने का उद्देश्य छत्तीसगढ़ राज्य के समावेशी विकास सुनिश्चित करना है। दुर्ग जिले के अंतर्गत भी जिला स्तर पर इस दिशा में कार्य किया जा रहा है। जिसके लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है। समिति का संयोजक सीईओ जिला पंचायत एवं सहसंयोजक जिला योजना एवं सांख्यिकी अधिकारी है। इस समिति के सदस्य सभी सेक्टरों के अधिकारी है। जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, उर्जा, आधारभूत संरचना, पोषण, नागरिक अधिकारिता, पेयजल, सिंचाई, वन, कृषि, आजीविका आदि शामिल है। इस समिति के सदस्य अधिकारीगण अपने विभाग तथा जिले से संबंधित सुझाव/फोकस एरिया/एक्सन र्प्वाइंट-उद्योग और सेवाओं में सुधार, कृषि एवं वानिकी में सुधार, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और कौशल, गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य एवं पोषण, बुनियादी ढांचे का विस्तार, समाज कल्याण, सुशासन, स्थिरता और पुनर्योजी विकास के आधार पर दे सकते हैं। अधिकारियों को उक्त जानकारी पन्द्रह दिवस में जिला योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय में उपलब्ध कराने कहा गया है। बैठक में डीएफओ श्री चन्द्रशेखर परदेशी, नगर निगम भिलाई के आयुक्त श्री देवेश ध्रुव, जिला पंचायत के सीईओ श्री अश्वनी देवांगन, नगर निगम दुर्ग के आयुक्त श्री लोकेश चन्द्राकर, नगर निगम भिलाई-चरौदा के आयुक्त श्री दशरथ राजपूत, अपर कलेक्टर श्री बी.के. दुबे, संयुक्त कलेक्टर श्री हरवंश सिंह मिरी, जिला योजना एवं सांख्यिकी अधिकारी श्री डी.एस. वर्मा एवं समस्त विभाग के जिला प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे।

 


गर्भधारण पूर्व और प्रसवपूर्व निदान तकनीक (पीसीपीएनडीटी) की जिला स्तरीय सलाहकारी समिति की बैठक सम्पन्न
       दुर्ग। कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी की अध्यक्षता में कलेक्टोरेट सभाकक्ष में गर्भधारण पूर्व और प्रसवपूर्व निदान तकनीक (पीसीपीएनडीटी) लिंग चयन प्रतिषेध अधिनियम 1994 के अंतर्गत पीसीपीएनडीटी जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में अवगत कराया गया कि अधिनियम को लागू करने का मुख्य उद्देश्य गर्भधारण से पहले या बाद में लिंग चयन तकनीकों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाना और लिंग चयन गर्भपात के लिए प्रसव पूर्व निदान तकनीक के दुरुपयोग को रोकना है। कलेक्टर सुश्री चौधरी ने जिले के सभी सोनोग्राफी सेंटरों में पीसीपीएनडीटी एक्ट का पूर्णतः पालन किया जाना सुनिश्चित कराने को कहा। साथ ही सोनोग्राफी सेंटरों में डॉक्टरों की ड्यूटी लगी होनी चाहिए। बैठक में स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी डॉ.आर.के. खण्डेलवाल, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. उज्जवला देवांगन, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. दिव्या श्रीवास्तव, प्रसूति विशेषज्ञ डॉ. संध्या नगरिया, समाज सेवी डॉ. वैशाली भगत एवं श्रीमती रश्मि लखोटिया उपस्थित थीं।

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