जिला प्रशासन, यूनिसेफ और एग्रिकॉन फाउंडेशन की संयुक्त पहल: ‘आओ बात करें’ सामुदायिक मानसिक स्वास्थ्य कार्यशाला का आयोजन

       दुर्ग। जिला प्रशासन, यूनिसेफ एवं एग्रिकॉन फाउंडेशन के संयुक्त प्रयास से ’आओ बात करें’ सामुदायिक मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम कार्यशाला का आयोजन जनपद पंचायत दुर्ग के सभागार मे हुआ। इस कार्यक्रम मे दुर्ग, पाटन एवं धमधा खंड से सचिव, रोजगार सहायक, आँगनवाड़ी कार्यकर्ता, बिहान, एनजीओ सहित 70 लोगों की भागीदारी रही। कार्यशाला का उद्घाटन युवोदय कार्यक्रम जिला समन्वयक श्री शशांक शर्मा ने किया। अपने उद्घाटन भाषण में उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि मानसिक स्वास्थ्य शारीरिक स्वास्थ्य जितना ही महत्वपूर्ण है, और हमें इसे नजर अंदाज नहीं करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की कार्यशालाओं के माध्यम से लोगों में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सकती है।
       कार्यक्रम मे एग्रीकान फाउंडेशन से मानसिक स्वास्थ्य राज्य समन्वयक दानिश के हुसैन, युवोदय एवं युवा कार्यक्रम राज्य स्तरीय समन्वयक जागृति गर्ग के द्वारा मानसिक स्वास्थ्य एवं युवोदय कार्यक्रम से जुड़े विषयों के बारे में जानकारी दी गई। प्रारंभ में जागृति गर्ग के द्वारा स्वयंसेवा एवं स्वयंसेवकांे के भूमिका, युवोदय क्या है के विषय में चर्चा की गई। जिससे समाज मे युवाओं के द्वारा समुदाय में उचित बदलाव लाया जा सके, इसके साथ सामाजिक व्यवहार परिवर्तन के द्वारा समाज में अच्छे व्यवहारों को अपनाने हेतु कैसे कार्य कर सकते है इस विषय मे चर्चा की गई। दानिश के. हुसैन के द्वारा मानसिक स्वास्थ्य विषयों को लेकर चर्चा में भावनाये ’आप कैसा महसूस कर रहे है’, मानसिक रूप से स्वस्थ्य व्यक्ति के गुण, मानसिक स्वास्थ्य क्यो महत्वपूर्ण है, मानसिक स्वास्थ्य के महत्व और इसके प्रभावों पर चर्चा की गई। तनाव प्रबंधन योग और ध्यान के माध्यम से तनाव को कैसे प्रबंधित किया जा सकता है, इस पर विशेष सत्र आयोजित किया गया। सकारात्मक सोच और आत्म-सम्मान बढ़ाने और सकारात्मक सोच को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया। कार्यशाला के प्रमुख अंश में विभिन्न व्यावहारिक गतिविधियाँ कराई गईं, बायो मेडिकल मॉडल, मनो सामाजिक मॉडल, मानसिक स्वास्थ्य बनाये रखने के उपाय के बारे मे बताया गया। गतिविधियों मे प्रतिभागियों ने सक्रिय रूप से हिस्सा लिया। मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं और उनके समाधान के लिए समूह चर्चा का आयोजन किया गया।      
       कार्यशाला के दौरान कई इंटरेक्टिव सत्र भी आयोजित किए गए। जहां प्रतिभागियों ने अपने सवाल पूछे और विशेषज्ञों ने उनके उत्तर दिए। इनमें अवसाद, चिंता, तनाव और मानसिक स्वास्थ्य के अन्य पहलुओं पर चर्चा की गई। प्रश्नोत्तर सत्र में प्रतिभागियों के सवालों के उत्तर दिए गए और उन्हें व्यक्तिगत परामर्श भी दिया गया। उपस्थितियों का अनुभव कार्यशाला में शामिल प्रतिभागियों ने इस कार्यशाला को अत्यंत लाभकारी और जानकारीपूर्ण बताया। संतोष कुमार खरे सचिव सोसाइटी फॉर इंटीग्रेटेड रूरल डेवलपमेंट ने कहा, ’इस कार्यशाला से मुझे अपनी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को समझने और उनका समाधान करने की दिशा में बहुत मदद मिली। कार्यशाला के अंत में सभी प्रतिभागियों को मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित पुस्तिकाएँ और अन्य संसाधन वितरित किए गए। इस कार्यशाला ने मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने और समाज में इसे लेकर सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह कार्यशाला मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है और उम्मीद है कि भविष्य में इस तरह के और भी आयोजन होते रहेंगे। कार्यक्रम के आयोजन को सफल बनाने मे युवोदय कार्यक्रम ब्लॉक समन्वयक प्रगति मोहबे, मुकेश कुमार, रामशरण सेन एवं युवोदय स्वयंसेवको की विशेष भूमिका रही।

 

 

 

 

पीएटी/पीव्हीपीटी 2024 प्रवेश परीक्षा 9 जून को


दुर्ग।
 कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी के मार्गदर्शन में जिले में 09 जून 2024 दिन रविवार को सुबह 09 बजे से 12.15 बजे तक छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मण्डल द्वारा पी.ए.टी/पी.व्ही.पी.टी. (च्।ज्ध्च्टच्ज्) 2024 प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया जाना है। सभी परीक्षार्थी अपने प्रवेश पत्र में उल्लेखित परीक्षा केन्द्रों सें परीक्षा दिवस से एक दिन पूर्व ही अपने परीक्षा केन्द्र की भौगोलिक स्थिति से भलीभाँति परिचित हो जाएं। परीक्षा प्रारंभ होने के पश्चात् किसी को भी परीक्षा केन्द्र में प्रवेश नहीं दिया जायेगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार परीक्षार्थियों को अपना फोटोयुक्त मूल आईडी. प्रूफ जैसे- मतदाता पहचान पत्र/ड्रायविंग लायसेंस/पेन कार्ड/आधार कार्ड/पासपोर्ट/विद्यालय का फोटोयुक्त परिचय पत्र/फोटोयुक्त अंकसूची मूलरूप में (फोटो कॉपी मान्य नहीं) परीक्षा दिवस में परीक्षा केन्द्र में लाना अनिवार्य होगा।

14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस

जिला चिकित्सालय दुर्ग एवं समस्त निजी ब्लड बैंकों में आयोजित होंगे रक्तदान शिविर
कलेक्टर ने की नागरिकों से रक्तदान करने की अपील
       दुर्ग। जिले में प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी 14 जून 2024 को विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाएगा। कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए जिले के सभी नागरिकों से अपील की है कि प्रत्येक नागरिक अपनी स्वेच्छा अनुरूप रक्तदान करें। ताकि आपके द्वारा दिये गये रक्तदान से कई लोगों की जान बचाया जा सके। भारत में सालाना 01 करोड़ युनिट रक्त की आवश्यकता पड़ती है, लेकिन उसकी उपलब्धता 75 लाख युनिट है, 25 लाख युनिट ब्लड की कमी से हर साल सैकड़ों लोगों की जान चली जाती है। ब्लड डोनेट करके न सिर्फ आप दूसरों की जान बचा सकते है, बल्कि अपने स्वास्थ्य को सुधार भी कर सकते है। आपके 01 युनिट रक्तदान से जरूरतमंद किसी एक व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है। उल्लेखनीय है कि 14 जून 2024 को विश्व रक्तदाता दिवस पर जिला अस्पताल दुर्ग एवं समस्त निजी ब्लड बैंकों में रक्तदान शिविर आयोजित किया जाएगा। इसमें सभी नागरिक अधिक से अधिक संख्या में रक्तदान कर अपनी नागरिकता और सामाजिक सद्भावना का परिचय देने एवं पुनीत कार्य करने के लिये आगे आयें।

गर्मी एवं लू से बचाव के लिए करें उपाय


       दुर्ग। जिले में लगातार बढ़ रहे लू और बुखार के मरीज के संबंध में कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी के निर्देशानुसार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जे.पी. मेश्राम,  जिला सर्वेलेंस अधिकारी डॉ. सी.बी.एस. बंजारे, आईडीएसपी दुर्ग के मार्गदर्शन में श्रीमती रितीका मसीह, जिला एपिडेमियोलॉजिस्ट, समस्त कॉम्बेट टीम, महिला एवं पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता, सुपरवाईजर एवं मैदानी स्तर पर मितानिन सहित अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के द्वारा आम जनता को लू-तापघात से बचाव हेतु जनसाधारण को जागरूक करते हुये नियमित निगरानी की जा रही है। लू लगने के लक्षण सिर में भारीपन और दर्द होना, तेज बुखार के साथ मुंह का सूखना, चक्कर और उल्टी आना, कमजोरी के साथ शरीर में दर्द होना, शरीर का तापमान अधिक हो जाने के बाद भी पसीने का न आना, अधिक प्यास और पेशाब कम आना, भूख कम लगना, बेहोश होना उक्त स्थिति से निपटने तथा सभी निजी तथा शासकीय अस्पतालों के पैरामेडिकल स्टाफ को हीट स्ट्रोक (हीट स्ट्रोक) को तुरंत पहचानने और मरीज को असरदार ईलाज देने के लिए गर्मी से होने वाली बीमारियों के प्रबंधन की तैयारी के निर्देश दिये गये है। जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा लू का अलर्ट जारी किया गया है। आम जनता को लू के लक्षण से अवगत कराया जाकर जन-जागरूकता लायी जा रही है। लू-तापघात के प्रारंभिक उपचार जैसे बुखार पीड़ित व्यक्ति के सिर पर ठंडे पानी की पट्टी लगाएँ, पेय पदार्थ का सेवन करें जैसे नारियल पानी, आम का पना, जलजीरा आदि। पीड़ित व्यक्ति को पंखे के नीचे हवा में लेटा दें, खुले में हवादार एवं ठंडे स्थान में रखें। शरीर पर ठंडे पानी का छिड़काव करते रहें। पीड़ित व्यक्ति को यथाशीघ्र किसी नजदीकी चिकित्सा केन्द्र में उपचार हेतु ले जाए। मितानिन, ए.एन.एम. से ओ.आर.एस. के पैकेट हेतु संपर्क करें।
       मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जे.पी. मेश्राम ने सभी शासकीय चिकित्सालयों में लू के प्रबंधन हेतु निर्देश दिये गये हैं जैसे बाह्य रोगी विभाग में आने वाले सभी मरीजों में लू के लक्षण की जॉच अवश्य करें। प्रत्येक अस्पतालों में कम से कम दो बिस्तर इन मरीजों के लिए आरक्षित किया गया है। वार्ड में शीतलता हेतु कूलर की व्यवस्था की गयी है। प्रत्येक संस्था में ओ.आर.एस. कार्नर बनाया गया है। मितानिन व संबंधित क्षेत्र के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को पर्याप्त मात्रा में दवाईयाँ उपलब्ध करा दी गयी है। लू-तापघात की रोकथाम व बचाव हेतु नगरीय निकाय एवं शुद्ध पेयजल हेतु लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से निरन्तर समन्वय बनाया जा रहा है। दुर्ग जिले में लू-तापघात से संबंधित 07 जून 2024 को ओ.पी.डी. में कुल 152 व्यक्ति जॉच के लिये आये जिनमें से कोई भी लू-तापघात के मरीज नहीं मिले। वर्तमान में दुर्ग जिले में लू-तापघात से किसी भी व्यक्ति की मृत्यु नहीं हुई है।

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